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गायत्री मंत्र का महत्व [Gayatri Mantra ka Mahatva] ||– Ch-2 – Class-5 –Solutions || Naitik Shiksha || DAV || Whole Classes

Here, you can learn: गायत्री मंत्र का महत्व [Gayatri Mantra ka Mahatva] Ch-2 of Class-5th solution of Naitik Shiksha (NS) book DAV by Whole Classes.


Questions

1. 1. गायत्री मन्त्र और उसका अर्थ सुनाऍ?
2. 2. वेद ने इस मन्त्र को क्या-क्या प्रदान करने वाला बताया है?
3. 3. मनुस्मृति का गायत्री मन्त्र के बारे में क्या मत है?
4. 4. स्वामी विरजानन्द किस मन्त्र का जप किया करते थे?
5. 5. महात्मा आनन्द स्वामी को गायत्री जप का क्या लाभ हुआ?

Solutions💡

1. गायत्री मन्त्र और उसका अर्थ सुनाऍ?
उत्तर- मन्त्र
ओ३म् भूर्भुवः स्वः । तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि । धियो यो नः प्रचोदयात् ।
     अर्थ
हे रक्षक। सर्वाधार। दुखविनाशक। सुखदाता प्रभो। स्वयं प्रकाशमान् आपके उस अपनाने योग्य तेज को हम धारण करें, जो हमारी बुद्धियों को सन्मार्ग की ओर प्रेरणा देता रहे।

2. वेद ने इस मन्त्र को क्या-क्या प्रदान करने वाला बताया है?
उत्तर- वेद ने इस मन्त्र को आयु,  यश, बुद्धि, प्राण और ब्रह्मज्ञान प्रदान करने वाला बताया है।

3. मनुस्मृति का गायत्री मन्त्र के बारे में क्या मत है?
उत्तर- मनुस्मृति के अनुसार जो साधक इस मन्त्र का उच्चारण प्रतिदिन प्रातःकाल पवित्र स्थान पर करता है उसे जीवनभर पोस्टिक, स्वादिष्ट तथा हितकारी भोजन प्राप्त होता है। 

4. स्वामी विरजानन्द किस मन्त्र का जप किया करते थे?
उत्तर- स्वामी विरजानन्द गायत्री मन्त्र का जप किया करते थे।

5. महात्मा आनन्द स्वामी को गायत्री जप का क्या लाभ हुआ?
उत्तर- गायत्री जप करने से महात्मा आनन्द स्वामी की बुद्धि तेज होने लगी और वे मेधावी छात्र बन गए। दूध जलेबी जो उन्हें बहुत प्रिय थी, वह उन्हें प्रतिदिन खाने को मिलने लगी।

Video Solution▶️



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