आर्य समाज के नियम - सातवें से दसवें तक [Aarya Samaj Ke Niyam] || Ch-3 – Class-5 –Solutions || Naitik Shiksha || DAV || Whole Classes
Question❔
1. इन नियमों को याद करके गुरु जी को सुनाओ।
2. दूसरों के साथ हमें कैसा व्यवहार करना चाहिए?
3. विद्या की वृद्धि के लिए अविद्या का नाश क्यों आवश्यक है?
4. सबकी उन्नति में अपनी उन्नति समझने का क्या भाव है?
5. हम किस प्रकार के नियम पालने में स्वतन्त्र हैं?
Solution💡
1. इन नियमों को याद करके गुरु जी को सुनाओ।
उत्तर- आपको तीनों नियम याद करने है जो किताब में दिया हुआ है।
2. दूसरों के साथ हमें कैसा व्यवहार करना चाहिए?
उत्तर- दूसरों के साथ हमें प्रेम व ईमानदारी का व्यवहार करना चाहिए। किसी के साथ कड़वा या कठोर व्यवहार नहीं करना चाहिए।
3. विद्या की वृद्धि के लिए अविद्या का नाश क्यों आवश्यक है?
उत्तर- विद्या की वृद्धि के लिए अविद्या का नाश आवश्यक है क्योंकि जब अविद्या का नाश होगा तभी विद्या की वृद्धि होगी और हम अपना और अपने समाज का उत्थान कर सकेंगे।
4. सबकी उन्नति में अपनी उन्नति समझने का क्या भाव है?
उत्तर- सबकी उन्नति में अपनी उन्नति समझने का भाव यह है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, उसे छोटी से छोटी आवश्यकताओं के लिए दूसरों पर निर्भर होना पड़ता है इसलिए जब समाज की उन्नति होगी तो हमारी उन्नति स्वयं ही होगी।
5. हम किस प्रकार के नियम पालने में स्वतन्त्र हैं?
उत्तर- हम किसी भी प्रकार के हितकारी नियम पालने में स्वतन्त्र हैं।

